2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता लेने के लिए 12 दिनों में 700 रजिस्ट्रेशन
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कांग्रेस ने चुनाव के दौरान की थी सरकार बनने पर भत्ता देने की घोषणा
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पूर्ववर्ती भाजपा सरकार देती थी 500 रुपए, 2015 में बंद कर दी थी योजना
कांग्रेस ने चुनाव के दौरान सरकार बनने पर 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी। किसानों की कर्जमाफी के बाद बेरोजगारों को भी राहत मिली है। 2500 रुपए भत्ता पाने की चाह में रोज जिला रोजगार कार्यालय में 50 से अधिक बेरोजगारों का पंजीयन हो रहा है। केवल 12 दिनों में करीब 7 सौ का पंजीयन हो चुका है। जबकि इससे पहले रोज 05 से 10 लोग ही पंजीयन कराने पहुंचते थे।
2015 तक 73 हजार बेरोजगार थे, अब एक लाख से ऊपर की संभावना
- पंजीयन कराने बरमकेला, सारंगढ़, धरमजयगढ़ सहित लगभग सभी ब्लॉक क्षेत्रों के बेरोजगार बड़ी संख्या में रोजगार कार्यालय पहुंच रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के शासनकाल में बेरोजगारी भत्ता प्रतिमाह 500 रुपए दिया जाता था। उस वक्त जिले में 73 हजार से ज्यादा युवा बेरोजगारों थे, जिन्होंने रोजगार दफ्तर में पंजीकरण कराया था।
- हालांकि तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2015 से बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देना बंद कर दिया था। अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद जन सेवा से जुड़े कार्य करने पर 25 सौ रुपए भत्ता देने की घोषणा से इन दिनों रोजगार दफ्तर में भीड़ लग रही है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो सकती है।
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बेरोजगारों ने कहा- सरकार अपना वादा पूरा करे
बरमकेला ब्लॉक के छिंदपतेरा निवासी सोहन पटेल, हिर्री निवासी विद्याधर चौहान, सारंगढ़ के तीर्थराज, कोसीर के धनेंद्र जांगड़े, धरमजयगढ़ की निर्मला पटेल, तमनार के सुरेश चौहान समेत अन्य पंजीयन कराने पहुंचे युवा बेरोजगारों ने कहा कि उन्हें प्रति माह कोई जनसेवा से जुड़े कार्य करने पर 2500 रुपए शासन से बेरोजगारी भत्ता मिलने की उम्मीद है।
- क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने विस चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में बेरोजगारों के हित में शासकीय नौकरी नहीं मिलने पर कुछ जनसेवा कार्यों से जोड़कर उन्हें हर माह ढाई हजार बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के हजारों किसानों का कर्जा माफ कर दिया है। इससे बेरोजगारों के मन में भी भत्ते की आस जगी।