चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 3500 रुपए और
भाजपा ने 5000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी।
चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 3500 रुपए और भाजपा ने 5000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी। परिणाम 11 दिसंबर को आए और कांग्रेस की सरकार बनी। ऐसे में बेरोजगारों में 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता लेने की उम्मीद जगी।
प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही कांग्रेस के घोषणा पत्र के मुताबिक ई मित्र केन्द्रों व रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों की भीड़ उमड़ने लगी। हालात यह हो गए कि एकाएक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक साथ आवेदन होने पर रोजगार कार्यालय की वेबसाइट क्रैश हो गई, जिससे अब पंजीयन होने ठप हो गए हैं।कांग्रेस के सरकार में आने के बाद से बेरोजगारों को उम्मीद जगी कि किसानों के कर्ज माफी की तरह सरकार जल्द ही बेरोजगारी भत्ता देगी, इसलिए लोगों में पंजीयन कराने की होड़ लग गई।
क्या है बेरोजगारी भत्ता, अब तक कौन थे पात्र
सरकारें समय समय पर बेरोजगारों के लिए अलग अलग भत्ता देने की घोषणा करती आई है। इसके तहत संबंधित युवक को रोजगार कार्यालय में पंजीयन करवाना आवश्यक होता है। उसके बाद भत्ते के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता है। ग्रेजुएट अभ्यर्थी को अधिकतम दो साल तक बेरोजगारी भत्ता मिल सकता है। ग्रेजुएशन से कम शिक्षित अभ्यर्थी को भत्ता नहीं मिलता है। राजस्थान में 2007 में भत्ता देना शुरू किया गया था, जिसके तहत 400 रुपए प्रतिमाह मिलते थे। उसके 2009 में भत्ता दिया जाना बंद कर दिया। बाद में 2012 में फिर से 500 रुपए प्रतिमाह भत्ता चालू किया गया। 2017 में तत्कालीन सरकार ने भत्ता 500 से बढ़ाकर 650 रुपए कर दिया था। वर्तमान में 650 रुपए भत्ता मिल रहा है।
अब रोजगार कार्यालय के लगा रहे हैं चक्कर
650 रुपए भत्ता लेने के लिए कम ही पंजीयन हो रखे थे। 3500 रुपए भत्ता शुरू होने की संभावना को देखते हुए बेरोजगारों ने अधिक से अधिक पंजीयन करवाने का प्रयास किया तो साइट क्रैश हो गई। करीब 15 दिन से पंजीयन ठप पड़ा है। बेरोजगार ई मित्र केन्द्रों व रोजगार कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।
अभी तक कोई आदेश नहीं | 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की थी। सरकार बनने के बाद अभी तक इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। स्थानीय रोजगार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उनके पास भी कोई आदेश नहीं आए हैं। ऐसे में बेरोजगारों को पंजीयन करवाने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, यह भत्ता शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है। अभी तक यह कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में है, सरकारी आदेश जारी नहीं हुए हैं।
जैसलमेर में बेरोजगारों की स्थिति
कुल पंजीयन : 4756
भत्ता लेने योग्य : 1011
वर्तमान में मिलने वाला भत्ता : 650