राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार किसान कर्ज माफी के बाद अब बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर घोषणा करने की तैयारी कर रही है। सरकार राज्य के करीब 9 लाख पंजीकृत बेरोजगारों को प्रतिमाह 3500 रूपए भत्ता देगी। इससे सरकारी खजाने पर 315 करोड़ रूपए का भार पड़ेगा। इस बारे में वित्त एवं श्रम विभाग के अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
लोकसभा चुनाव से पहले युवा मतदाओं को लुभाने के लिए गहलोत सरकार का यह बड़ा कदम होगा। इससे पहले किसानों को खुश करने के लिए दो लाख रूपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई थी।
प्रतिदिन बढ़ रहा है रजिस्ट्रेशन
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए बेरोजगार युवाओं को 3,500रूपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर बेरोजगारी भत्ता 650 की जगह 3,500 रूपए कर दिया जाएगा। अब सत्ता में आते ही सीएम गहलोत ने अधिकारियों को इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है।
बेरोजगारी भत्ता बढ़ने की घोषणा के बाद रोजगार निदेशालय में रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है। अब प्रतिदिन 80 से 100 युवा ईमित्र के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे है । चुनाव से पहले राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 8 लाख 57 हजार 316 थी,जो अब बढ़कर 9 लाख 23 हजार से अधिक हो गई है।
जानकारी के अनुसार 3 लाख करोड़ के कर्जभार में डूबे प्रदेश के अधिकारी फिलहाल बेरोजगारी भत्ते का वादा पूरा करने को तैयार नहीं थे,लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार इस वादे को शीघ्र पूरा करना चाहती है। अधिकारियों का तर्क है कि किसान कर्जमाफी से सरकार पर पहले से ही 18,000 करोड़ का कर्जभार बढ़ जाएगा और अब यदि बेरोजगारी भत्ते का वादा पूरा किया गया तो 315 करोड़ को भार भी बढ़ जाएगा । इससे राज्य की वित्तीय स्थिति अधिक खराब हो सकती है ।
सरकार बोली,बेरोजगारों को सस्ती दर पर लोन और भत्ता देंगे
राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि युवाओं के लिए जॉब क्रिएट करने की कोशिश करेंगे।युवाओं को स्वपोषित रोजगार देने के लिए सस्ती दर पर कर्ज मुहैया कराएंगे और बेरोजगारी भत्ता देंगे। उधर श्रम मंत्री टीकाराम जूली का कहना है कि कांग्रेस सरकार चुनाव घोषणा-पत्र का वादा पूरा करते हुए बेरोजगारों को भत्ता देगी। इस बारे में शीघ्र ही अधिकारिक आदेश जारी होंगे ।